Topic ( विषय ) -
मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ
मुहावरा - हम अपनी बात को कभी सीधे - सादे ढंग से कहना चाहते हैं और कभी प्रभावशाली ढंग से । मुहावरे और लोकोक्तियों का प्रयोग बात को प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है । मुहावरा शब्द का अर्थ है- अभ्यास । अभ्यासवश एक अभिव्यक्ति कभी - कभी एक विशेष अर्थ देने लगती है । जब कोई शब्द - समूह या वाक्यांश निरंतर प्रयोग और अभ्यास के कारण सामान्य अर्थ न देकर विशेष अर्थ व्यक्त करने लगे , तो उसे मुहावरा कहते हैं । वाक्य के भीतर आते ही मुहावरा वाक्य का अंग बन जाता है ।
ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करे , मुहावरा कहलाता है । इसे वाग्धारा भी कहते हैं , जैसे - घोड़े बेचकर सोना । इस वाक्यांश का सामान्य अर्थ है- घोड़े बेचना और फिर सो जाना । लेकिन ऐसा नहीं है । यह वाक्यांश विशेष अर्थ देता है- गहरी नींद सोना या निश्चिन्त होकर सोना ।
इसी प्रकार नाक कटना का अर्थ है- सम्मान नष्ट होना ।
मुहावरा स्वतंत्र वाक्य के रूप में नहीं बल्कि वाक्यांश के रूप में प्रयोग होता है । मुहावरों का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है । मुहावरों का मूल रूप कभी नहीं बदलता । मुहावरे को पर्यायवाची या समानार्थक शब्दों से नहीं बदल सकते । यथा- आँख का तारा , न कि लोचन का तारा ।
इसी प्रकार ‘ फूलकर कुप्पा होना ' मुहावरे को स्त्री के संबंध में प्रयोग करते समय यह नहीं कहा जाएगा कि वह फूलकर कुप्पी हो गई , इसमें कुप्पा शब्द ही रहेगा । मुहावरों के प्रयोग से भाषा में सरसता , रोचकता आती है तथा भाषा की सौंदर्य और अभिव्यंजना शक्ति में वृद्धि होती है ।
मुहावरे का स्वरूप क्रिया के समान होता है अर्थात् मुहावरे में क्रिया पद होना आवश्यक है ।
मुहावरों में अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाएँ होती हैं । उनका प्रयोग उसी रूप में करना चाहिए , अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जाएगा , जैसे- ' नाकों चने चबवाना ' का प्रयोग- शिवाजी ने नाकों चने चबवाए । इस वाक्य से पता लगता है कि परिणाम को भोगने वाला शिवाजी नहीं कोई दूसरा है ।
इस मुहावरे की क्रिया को बदलकर यह नहीं कह सकते कि शिवाजी ने नाकों चने चबाए । क्योंकि इस वाक्य से शिवाजी परिणाम भोगने वाला हो गया ।
लोकोक्ति - लोकोक्ति एक ऐसा पूर्ण - वाक्य होता है जो एक विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करता है । लोकोक्ति को कहावत भी कहते हैं । दूसरे शब्दों में - लोक में प्रचलित उक्ति ( कहावत ) को लोकोक्ति कहते हैं । जैसे- हाथ कंगन को आरसी क्या- इस का अर्थ है- प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं । जब हाथ में कंगन पहना है तो देखने के लिए शीशे की आवश्यकता नहीं होती । इसी प्रकार ' खोदा पहाड़ निकली चुहिया ' का अर्थ है - बड़ा प्रयत्न करने पर थोड़ा लाभ ।
प्रश्न- लोकोक्ति और मुहावरे में अन्तर स्पष्ट करो ।
उत्तर- यद्यपि ये दोनों भाषा को प्रभावशाली तथा रोचक बनाते हैं । ये दोनों अपने साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ का ज्ञान कराते हैं तथापि इनके स्वरूप में थोड़ा अन्तर होता है -
लोकोक्ति- एक पूर्ण वाक्य होता है जबकि मुहावरा पूर्ण वाक्य न होकर वाक्यांश होता है । मुहावरे के शब्द अपने अर्थों को छोड़कर कुछ भिन्न अर्थ देते हैं अर्थात् मुहावरों का शाब्दिक अर्थ न लेकर उनका लाक्षणिक अर्थ ग्रहण किया जाता है जबकि लोकोक्ति अपने मूल अर्थ से जुड़ी रहती है । वाक्य के भीतर आते ही मुहावरा तो वाक्य का अंग बन जाता है परंतु लोकोक्ति एक उपवाक्य के रूप में ही रहती है ।
वाक्य प्रयोग के समय मुहावरे में आए शब्दों के रूप लिंग , वचन , पुरुष , काल आदि के कारण बदलते रहते हैं , जबकि लोकोक्ति ज्यों की त्यों रहती है । लोकोक्ति पूर्ण विचार को प्रकट करती है जबकि मुहावरा अपने में पूर्ण न होकर दूसरे पर आश्रित होता है । जैसे -
कान भरना । ( मुहावरा )
बिन माँगे मोती मिले , माँगे मिले न भीख । ( लोकोक्ति )
विशेष - जब भी मुहावरे और लोकोक्ति को वाक्य में प्रयोग करना हो , तो उनका मूलरूप ही वाक्य में आना चाहिए , उनका अर्थ नहीं । जैसे- दुम दबा कर भागना- डर कर भागना ।
पुलिस को देखते ही डाकू दुम दबाकर भाग गए ।
मुहावरे
1. अँगूठा दिखाना ( इन्कार करना ) - जब मैंने राम से अपने सौ रुपये माँगे तो उसने अँगूठा दिखा दिया ।
2. अँधेरे घर का उजाला ( इकलौता पुत्र ) - राम अपने पिता के अँधेरे घर का उजाला है ।
3. अंगारे बरसाना ( कड़ी धूप पड़ना ) - घर के अंदर कुछ ठंडक है बाहर तो अंगारे बरस रहे हैं ।
4. अंग छूना ( कसम खाना ) - उसने अंग छूकर कहा कि मैंने पुस्तक नहीं चुराई है ।
5. अंग - अंग ढीला होना ( बहुत थकावट अनुभव करना ) - आज खेत में काम करने से मेरा अंग - अंग ढीला हो गया है ।
6. अन्धे की लाठी ( एक मात्र सहारा ) - राम अपने माता - पिता के लिए अन्धे की लाठी है ।
7. अन्त पाना ( रहस्य पाना ) - भगवान का अन्त पाना संभव नहीं ।
8. अन्त बिगाड़ना ( कार्य का अन्तिम पल बिगाड़ देना ) - मोहन ने सारा जीवन ईमानदारी से काम किया परंतु अब बुढ़ापे में चोरी करके अपना अंत बिगाड़ लिया ।
9. अंगारो पर पैर रखना ( जानबूझ कर हानिकारक कार्य करना ) - जो मनुष्य अंगारो पर पैर रखता है उसका ही नुकसान होता है ।
10. अंधे को दीपक दिखाना ( नासमझ को उपदेश देना ) - पागल व्यक्ति को उपदेश देना अंधे को दीपक दिखाना है ।
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